Giloy Ka Nuksan Aur Fayeda| TalkInHindi

MehakAggarwal | July 10, 2021 | 1 | Article

गिलोय के नुकसान (Giloy ke nuksan) : गिलोय के फायदे एवं नुकसान दोनों ही होते हैं। गिलोय के नुकसान कम ही होते हैं क्योंकि यह एक गुणकारी औषधि है जिसका प्रयोग अनादिकाल से होता आया है। गिलोय के लाभकारी फायदे एवं नुकसान आयुर्वेद में समझाए गए हैं। giloy disadvantages in hindi.

गिलोय (Giloy) के नुकसान

  • गिलोय का सेवन गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है इसलिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
  • गिलोय के सेवन से निम्न रक्तचाप (Low Blood pressure) के मरीज को परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती है जिसके कारण मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।
  • गिलोय से मल्टीप्ल स्केरेलोसिस या रुमेटाइड आर्थराइटिस आदि से पीड़ित मरीजों को परहेज करना चाहिए। ये ऑटो इम्यून बीमारियाँ होती हैं जिसमें गिलोय के सेवन से नुकसान हो सकता है। गिलोय शरीर की इम्युनिटी पॉवर मजबूत करता है इस वजह से ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • गिलोय का सेवन सर्जरी से पहले नुकसानदेह होता है क्योंकि गिलोय ब्लड प्रेशर को कम करती है जिससे सर्जरी के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

गिलोय के फायदे (giloy ke fayde) : गिलोय के फायदे कई हैं गिलोय एक लाभकारी और गुणकारी औषधि होती है जिसके कई सारे लाभ होते हैं। गिलोय का प्रयोग चूर्ण की तरह, जूस की तरह, पेस्ट की तरह या काढ़े के रूप में किया जाता है। Giloy benefits in hindi. giloy advantages and disadvantages in hindi.

गिलोय (Giloy) के फायदे

  • गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर होता है। शरीर में कमजोर इम्यूनिटी के कारण होने वाली कई बीमारियों को इम्यूनिटी स्ट्रांग करके होने से रोका जा सकता है। सर्दी-खांसी, जुकाम आदि रोग कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) के कारण ही होते हैं।
  • गिलोय एसिडिटी की परेशानी ठीक करता है, गिलोय के 10-20 मिली रस के साथ गुड़ और मिश्री का सेवन करने से एसिडिटी में लाभ मिलता है।
  • गिलोय त्वचा पर मौजूद चकत्ते, कील-मुंहासे आदि को दूर करने में सहायक होता है। गिलोय के तने का पेस्ट सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाने से लाभ मिलता है।
  • गिलोय डायबिटीज के लिए फायदेमंद होता है। टाइप 2 डायबिटीज रोगियों को गिलोय का सेवन करने से लाभ मिलता है। गिलोय ब्लड शुगर को अच्छे से कंट्रोल करता है।
  • गिलोय हिचकी को रोकने में भी कारगर होता है। गिलोय एवं सोंठ के चूर्ण की चटनी बना, इसे दूध में मिलाकर पिलाने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
  • गिलोय का जूस गठिया और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए काफी लाभकारी होता है क्योंकि गिलोय में एंटी-आर्थराइटिस गुण पाए जाते हैं। दो से तीन चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
  • गिलोय का सेवन सामान्य मौसमी बुखार, डेंगू, फ्लू, और मलेरिया आदि में भी राहत पहुंचाता है। गिलोय ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाने में कारगर होता है इसीलिए डॉक्टर दवाइयों के साथ-साथ गिलोय का जूस पीने की भी सलाह देते हैं।

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  • गिलोय और शहद का प्रयोग कफ की बीमारी को कम करने में सहायक होता है।
  • गिलोय पाचन सही रखना और पेट से संबंधित समस्या का भी समाधान करता है। अतिविषा, अदरक की जड़ और गिलोय को उबालकर, काढ़ा बना कर थोड़ा-थोड़ा पीने से पेट से संबंधित परेशानियाँ दूर होती हैं।
  • गिलोय वजन कम करने में भी सहायक है। गिलोय के एक चम्मच रस में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम पीने से वजन कम किया जा सकता है।
  • बवासीर में गिलोय के फायदेमंद होता है। गिलोय, हरड़ तथा धनिया को बराबर भाग (20 ग्राम) में लेकर आधा लीटर पानी में गर्म करें, जब यह एक चौथाई रह जाये तो खूब खौलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में गुड़ डालकर सुबह और शाम इसका सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ होता है।
  • गिलोय का सेवन पीलिया में भी फायदेमंद होता है। गिलोय के 20-30 पत्तों को अच्छे से पीसकर पेस्ट बना लें, और एक ग्लास में ताजी छांछ लेकर उसमें मिला लें, इसके बाद दोनों को छानकर रोगी को दें, इससे रोगी को राहत मिलेगी।
  • गिलोय आँखों की रौशनी बढ़ाने में भी कारगर होता है। गिलोय के रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बना लें। 10-20 मिली काढ़े में एक ग्राम पिप्पली चूर्ण व शहद मिलाकर सुबह और शाम, इस काढ़ें का सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है।
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