Shri Banke Bihari Ji Temple in Vrindavan Story in Hindi | TalkInHindi

MehakAggarwal | July 2, 2021 | 2 | Story

आज की कहानी 

हाथ का कंगन

वृंदावन में बहुत समय पहले की बात है।  श्रीबांके बिहारी जी के मंदिर में प्रतिदिन बड़ी सेवा के साथ पुजारी जी बांके बिहारी जी की पूजा अर्थात सेवा करते थे। रोज बिहारी जी की मन से आनंद से पूजा करते हुए  उन्हें पालने में डालकर सुलाना और रोजाना चार लड्डू उनके सामने रखना। इसे भगवान के बिस्तर के पास रखते थे। उनकी भावना कुछ ऐसी थी कि अगर बिहारी जी को रात में भूख लगी होगी तो वो क्या खाएंगे?  इसीलिए पुजारी जी बांके बिहारी जी के बिस्तर के सामने रख देते थे।

अगर उन्हें भूख लगी होगी तो वे रात में उठेंगे और लड्डू खा लेंगे। जब प्रात:काल मन्दिर के कपाट खोलते थे तो प्रसाद भगवान के बिस्तर पर बिखरा हुआ होता था।

वह हर दिन इसी भावना से ऐसा करते थे। एक दिन बिहारी जी को सुलाने के बाद वो चार लड्डू डालना भूल गए।  उन्होंने बांके बिहारी को प्रणाम करके मंदिर के द्धार बंद कर दिए और अपने घर की और रवाना हो गए. जैसे ही रात को १ बजे का घंटा बजा बिहारी जी को भूख लगने लगी. परन्तु आज तो वह पर चार लड्डू नहीं थे तो अब क्या करे?

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जिस दुकान से वे बूंदी के लड्डू आते थे, वो बाबा की दुकान खुली थी। वे बाबा अपनी दूकान बंद करके घर जाने वाले थे कि ठीक उसी समय एक छोटा लड़का आया और बोला  बाबा मुझे बूंदी के लड्डू चाहिए।

बाबा ने कहा – लाला लड्डू सब खत्म हो गए हैं। तो मैं दुकान बंद करने जा रहा हूँ। उसने कहा तुम अंदर जाओ और देखो कि तुमने चार लड्डू रखे हैं। उसकी जिद पर बाबा ने अंदर जाकर देखा तो चार लड्डू मिले।   जो लड्डू रोज मंदिर जाते थे वे आज वही पर थे।  बाबा ने लड्डू के पैसे के लिए कहा.

लड़के ने कहा- मेरे पास पैसे नहीं हैं और तुरंत उसने अपने हाथ से सोने का कंगन निकाल कर बाबा को दे दिया।

 तो बाबा ने कहा – लाला, पैसा रहने दो।

कल अपने बाबा से कहना, मैं उससे ले लूँगा। लेकिन वह बच्चा नहीं माना और कंगन को दुकान में फेंक कर भाग गया।  सुबह जब पुजारी ने दरवाजा खोला उन्होंने देखा कि बिहारी जी के हाथ में कंगन नहीं है। चोर भले ही कंगन ले गया,अगर उसने चोरी की, तो वह केवल कंगन क्यों चुराएगा? थोड़ा सा कुछ समय बाद यह बात पूरे मंदिर में फैल गई।

जब उस दुकानदार को इसकी जानकारी हुई तो उसने रात की बात का स्मरण हुआ। उसने अपनी दुकान में कंगन पाया और पुजारी जी को दिखाया और सारी बात बता दी। तब फिर पुजारी जी ने कहा 

बिहारी जी खुद ही लड्डू लेने आ गए क्यूंकि आज मैं लड्डू रखना भूल गया था।

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भक्त भक्ति में कोई सेवा भूल भी जाए तो भगवान अपनी तरफ से पूरी कर लेते है।

शुभ दिन

राधे-राधे.

एक कली उतार कर पूछा था

छोड़ दिया

मैं अपने सितार को एक धुन देना चाहता था

बैग बहुत छोटा है

मेरे “कृष्ण” थे

आपने कन्हैया को हंसाया और सारी दुनिया को दे दिया

जय जय श्री राधे राधे

आप सभी का दिन मंगलमय हो

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