
Marityu Nishchit Hai Kahani in Hindi | TalkInHindi
MehakAggarwal | July 2, 2021 | 1 | Storyप्यारे मित्रो, आज हम आपके सामने एक ऐसी कहानी लेकर आये है की जिसके शीर्षक को हम सभी बार-बार सुनते है मगर हमें समझ नहीं आता कि उसे कैसे और कहा apply करना है। इस कहानी को पढ़कर आपको अच्छी तरह से समझ आ जाएगा की जीवन जीने का सही ढंग क्या है. हम सभी को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए? अगर हमारी कोई बुरी आदत है या कोई बुरा संस्कार है और हम उससे छुटकारा पाना चाहते है तो वो भी हम आसानी से पा सकते है.
मृत्यु निश्चित है
एक धनी व्यक्ति था, वह बहुत विलासी था। हर समय उसके मन में भोग, विलास, सुर-सुंदरी के विचार हावी रहते थे। वह स्वयं इन विचारों से तड़प रहा था, लेकिन आदतन लाचार था, वे विचार उसका पीछा बिल्कुल नहीं छोड़ रहे थे।
एक दिन अचानक उसका एक संत से संपर्क हुआ। वह उपरोक्त अशुभ विचारों से छुटकारा पाने के लिए संत से प्रार्थना करने लगा।
संत ने कहा अच्छा, हाथ दिखाओ, हाथ देखकर संत भी चिंतित हो गए। संत ने कहा कि मैं तुम्हारे शरीर को बुरे विचारों से मुक्त कर देता, लेकिन तुम्हारे पास समय बहुत कम है। आज से ठीक एक महीने बाद तुम्हारी मृत्यु निश्चित है, इतने कम समय में मैं तुम्हारे बुरे विचारों से कैसे छुटकारा दिला पाऊँगा। और फिर आपको भी अपनी तैयारी करनी है।
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वह आदमी चिंता में डूब गया। अब क्या होगा, फिर वह सोचता है की अभी भी समय रहते जान लिया हैं कि मेरे पास समय कम है। उसने घर और व्यापार को व्यवस्थित करना शुरू कर दिया। परलोक के लिए पुण्य कमाने की योजना बनाने लगा, कि शायद परलोक होगा तो पुण्य कार्य कर लेना चाहिए। वह सबके साथ अच्छा व्यवहार करने लगा।
एक दिन रह गया तो उसने सोचा, चलो एक बार संत को देख लेते हैं।
संत उस व्यक्ति को देखकर बोले- तुम बहुत शांत दिख रहे हो, जबकि एक ही दिन बचा है। अच्छा बताओ, क्या इस दौरान कोई सुरा-सुंदरी योजना बनाई गई थी?
उस व्यक्ति का उत्तर था- महाराज! जब मौत सामने हो तो विलासिता क्या है?
संत हंसे और बोले- वत्स! अशुभ चिंतन से दूर रहने का एक ही उपाय है- मृत्यु निश्चित है, इस विचार को सदैव सामने रखना चाहिए और प्रत्येक क्षण का सदुपयोग उसी में करना चाहिए।
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आप सभी का दिन शुभ हो
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