Motivational Story In Hindi | TalkInHindi
MehakAggarwal | July 9, 2021 | 0 | Articleजीवन में सफलता के लिए बहुत मेहनत करना पड़ता है। इसके लिए सबसे ज्यादा आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इस आत्मविश्वास को बनाने में मां-बाप और गुरुजन का बहुत योगदान होता है। छोटी-छोटी कोशिशों से हमारा आत्मविश्वास बढ़ने के साथ-साथ हमारे काबिलियत में भी निखार आता है। अतः लक्ष्य को पाने के लिए हमें छोटे-छोटे कदम बढ़ाना चाहिए। आज आपको इसी से जुड़ी कहानी बाज का शिकार का विस्तार से वर्णन करेंगे।
बाज का शिकार
बाज का एक बच्चा अभी-अभी उड़ना शुरू किया था। वह अपनी इस सफलता को सभी को दिखा रहा था। इस सफलता की खुशी में वह नीचे टहल रहे सूअर का शिकार करना चाह रहा था। मां से कहा कि मैं इसका शिकार कर लूँ। पंरतु मां ने कहा कि अभी तुम छोटे हो सूअर का शिकार अभी रहने दो बल्कि छोटे खरगोश से अपने शिकार की शुरुआत करो। छोटा बाज बहुत ही आज्ञाकारी था उसने अपने मां की बात तुरंत मान लिया। बाज ने बड़े कुशलता पूर्वक खरगोश का शिकार किया। जिसे देखकर बाज की मां बहुत खुश हो गई। खरगोश के शिकार से बाज का आत्मविश्वास बढ़ गया था।
एक दिन बाज ने फिर मां से सूअर के शिकार के लिए पूछा परंतु इस बार भी मां ने उसे सूअर के शिकार के लिए मना कर दिया। मां ने कहा पहले बिल्ली का शिकार करना सीखो। बाज ने कुछ ही दिन में बिल्ली का शिकार करना सीख लिया। कुछ दिन बात बाज नें मां से फिर सूअर का शिकार करने के लिए पूछा। परंतु इस बार भी मां ने शिकार करने से मना कर दिया। मां ने कहा पहले मेमने का शिकार करना सीख लो। हर बार की तरह फिर उसने मां की बात मान ली और कुछ ही दिन में मेमने के शिकार में पारंगत हो गया था।
एक दिन बाज अपनी शिकारी निगाह से सूअर को देख रहा था। तभी मां ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए शिकार का इशारा कर दिया। बाज ने सूअर की तरफ तेजी से छपटा मारा और थोड़ी मशक्कत के बाद सूअर का शिकार कर लिया। जिससे उसकी मां काफी खुश हुई।
सोचिये अगर मां ने पहली बार ही उसे सूअर के शिकार के लिए कह देती तो क्या होता। नन्हा बच्चा अगर असफल होता तो उसका आत्मविश्वास टूट जाता और दोबारा शिकार नहीं करता।
डिसक्लेमर
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