Mitti Ka Pot Paani Thanda Nahi Kar Raha | TalkInHindi

MehakAggarwal | July 8, 2021 | 0 | Article

मिट्टी के घड़े की सतह पर हजारों सूक्ष्‍म छिद्र होते हैं. इन छिद्रों से निकले पानी का वाष्पोत्सर्जन होता रहता है और जिस सतह पर वाष्पोत्सर्जन होता है वह सतह ठंडी हो जाती है. जब हम घड़े को पानी से पूरा भर देते हैं तो पानी के कण इन छिद्रों से बाहर तक आ जाते हैं.

गर्मियों के मौसम में आज भी कई घरों में मिट्टी का बना घड़ा या मटका नजर आ जाता है. भारत में मटके में पानी रखने की परंपरा बहुत पुरानी है. कई तरह के वॉटर प्‍यूरीफायर और कंटेनर्स आने के बाद भी आज तक लोग मिट्टी का घड़ा अपने घरों में रखते हैं. इसके कई फायदे हैं और इसे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी अच्छा माना जाता है. लेकिन आपने नोटिस किया होगा कि कुछ समय के बाद आपके किचन में रखा घड़ा पानी को उस तरह से ठंडा नहीं रख पाता है, जैसे कभी रखता था. आइए जानते हैं क्‍यों.

कैसे ठंडा होता है पानी

मिट्टी के घड़े की सतह पर हजारों सूक्ष्‍म छिद्र होते हैं. इन छिद्रों से निकले पानी का वाष्पोत्सर्जन होता रहता है और जिस सतह पर वाष्पोत्सर्जन होता है वह सतह ठंडी हो जाती है. जब हम घड़े को पानी से पूरा भर देते हैं तो पानी के कण इन छिद्रों से बाहर तक आ जाते हैं. बाहर की हवा और गरमी से घड़े या सुराही की सतह पर वाष्पीकरण (Evaporation) होता है.

वाष्पीकरण में पानी की कुछ गरमी खर्च होती है और भाप बनने में पानी के कण पानी से ही ऊर्जा लेते हैं. इस तरह से पानी को ठंडा रखते हैं. ये बिल्कुल वैसा ही है जैसा किसी खुले बर्तन में रखे पानी का स्‍तर थोड़े समय के बाद घटता जाता है. जब वाष्पीकरण होता है तो पानी को ऊर्जा चाहिए होती है ताकि वो पानी से वाष्प में तब्दील हो सके. यह ऊर्जा पानी से ली जाती है.

क्‍यों कुछ समय बाद ठंडा नहीं करता पानी

पानी मे कई तरह के तत्‍व मौजूद होते हैं जो वाष्पीकरण के दौरान भाप नहीं बनते हैं. यानी वो प्रक्रिया जिसकी वजह से वाष्पीकरण की प्रक्रिया नहीं हो पाती या कम हो पाती है. यानी जिस विज्ञान की वजह से पानी ठंडा हो रहा था वही प्रक्रिया बंद हो जाती है. इस वजह से घड़े की क्षमती कम हो जाती है और वो पानी को ठंडा नहीं कर पाता है. मिट्टी में कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता होती है. इतना ही नहीं इसमें मौजूद कई लाभकारी मिनरल्स शरीर को विषैले तत्वों से मुक्ति दिलाने में भी मदद करते हैं.

मटके के हैं बहुत से फायदे

अक्सर गर्मी लगने पर कई बार आप फ्रिज में रखा ठंडा पानी पी लेते हैं. ये आपके गले और शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है. गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है और इसके कारण बहुत सी समस्यायें हो जाती हैं. गले की ग्रंथियों मे सूजन आ जाती है. जबकि आप अगर घड़े का पानी पीते हैं तो उसका कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता है.

घड़े में रखे पानी में मौजूद विटामिन और मिनरल्‍स शरीर के ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं. ये शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करते हैं. अगर आप नियमित तौर पर घड़े का पानी पीते हैं तो व्यक्ति का इम्‍युन सिस्‍टम मजबूत होता है. जबकि प्लास्टिक की बोतल में पानी रखने से उसमें अशुद्धियां इकट्ठी हो जाती हैं.

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