How Clock Was Made | TalkInHindi

MehakAggarwal | July 8, 2021 | 0 | Article

जरा सोचिए, अगर आपके पास घड़ी न होती तो क्या होता, क्या आज भी हम सूरज की रोशनी और आवरग्लास से समय का अंदाजा लगा रहे होते। जी हां, यदि हमारे पास घड़ी नहीं होती तो आज के इस आधुनिक समय में भी हम धूप और आवरग्लास की मदद से ही समय का पता लगाने के लिए मजबूर होते। इसके अलावा एक-एक सेकेंड के हिसाब से चलने वाली घड़ी भी सिर्फ कल्‍पना होती, लेकिन इस कल्‍पना को हकीकत बनाया एक ताले वाले ने। उनके द्वारा बनाई गई घड़ी को पोमंदर वॉच के रूप में पहचान मिली।

दुनिया की पहली ऐसी घड़ी थी जिसको एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाया जा सकता था। इस घड़ी का आविष्कार जर्मनी के नूर्नबर्ग शहर में ताला बनाने वाले पीटर हेनलेन ने वर्ष 1505 में किया था। खाश बात यह है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी घड़ी है जो अभी भी काम करती है। घड़ी का डिजाईन एक तांबे के गोले पर बनाया गया है जिसपर सोने का पानी चढ़ा हुआ है। इस घड़ी का उत्पादन मुख्य रूप से टॉर्सन पेंडुलम और कॉइल स्प्रिंग तंत्र के द्वारा किया गया था। अपने जीवनकाल में हेलेलिन ने इसी प्रकार की कई घड़ियों का निर्माण किया। जिसे नूर्नबर्ग अंडा भी कहा जाता है। इसके आवा हेलेलिन ने 1541 में लिक्टेनौ महल के लिए एक टॉवर घड़ी भी बनाई है, जो आज भी चल रही है।

पहले सिर्फ घंटे की सूई होती थी

घड़ी के अविष्कार के बारे में जानने से पहले आपको ये बताना बहुत जरूरी है कि इसका अविष्कार एक बार में नहीं हुआ। दरअसल, पहले घड़ी की सिर्फ घंटे वाली सूई हुआ करती थी। फिर कुछ समय बाद मिनट वाली सूई आई और फिर सेकेंड वाली सूई को लगाकर इसे पूरा किया गया। यही वजह है कि आधुनिक घड़ी के अविष्कार को लेकर कई तरह के विवाद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घड़ी में लगी हुई मिनट वाली सूई की खोज स्विट्जरलैंड के जॉस बर्गी ने साल 1577 में किया था।

ब्लेज पास्कल ने बनाई थी हाथ में पहनने वाली खड़ी

वहीं हाथ में पहनने वाली घड़ी को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसकी खोज फ्रांस के जाने-माने गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने की थी। ब्लेज पास्कल ने ही कैलकुलेटर का भी अविष्कार किया था। साल 1650 के दौर में लोग समय देखने के लिए घड़ियों को अपनी जेब में लेकर घूमते थे। जबकि ब्लेज पास्कल जेब में लेकर घूमने वाली घड़ी में ही एक रस्सी बांधकर हाथ में पहनते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे ताकि काम के दौरान वह आसानी से समय देख सकें।

घड़ी के अविष्कार पर विवाद

कई मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि घड़ी का अविष्कार 996 ईस्वी में पोप सिलवेस्टर द्वितीय ने किया था। जिसके बाद यूरोप में 13वीं शताब्दी के आसपास घड़ियों को इस्तेमाल शुरू हो गया था। इतना ही नहीं, साल 1288 में इंग्लैंड के वेस्टमिस्टर में बड़ी-बड़ी घड़ियां भी लगा दी गई थीं।

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